भारतीय काव्यशास्त्र – काव्य हेतु
1. प्रतिभा के दो भेद कारयित्री एवं भावयित्री किस आचार्य ने कहा।राजशेखर
विश्वनाथ
मम्मट
भोज
2. किसकी प्रतिभा को भावयित्री प्रतिभा कहा जाता है।
सह्रदय
कवि
भावुक
नाविक
3. काव्यंतु जायते जातु कस्यचित् प्रतिभावतः किसने कहा।
भामह
विश्वनाथ
मम्मट
भोज
4. काव्य हेतु के लिए काव्यांग शब्द का प्रयोग किसने की।
वामन
भामह
विश्वनाथ
मम्मट
5. कितने प्रकार के काव्य हेतु माने गए है।
तीन
चार
पाँच
सात
6. निम्नलिखित में कौनसा काव्य हेतु की तत्व नहीं है।
अर्थोपार्जन
प्रतिभ
व्युत्पति
अभ्यास
7. “साहित्य सजनृ केवल रूचि, इÍछा या विवशता का परिणाम नहीं है, क्योंकि उसके लिए
एक विशेष प्रितभा और उसे संभव करने वाले मानिसक गठन की आवश्यकता होती है।” यह किसका कथन है।
महादेवीवर्मा
पंत
निराला
श्रीपतिमिश्र
8. किसका कथन - “किव के लिए जिस बात की सबसे अधिक जरूरत होती है, वह प्रितभा है।”
महावीर प्रसाद द्विवेदी
रामचंद्रशुक्ल
नगेंद्र
विश्वनाथमिश्र
9. श्रीपतिमिश्र ने कितने प्रकास के काव्य हेतु माने।
छः
चार
सात
दो
10. काव्य प्रकाश के रचनाकार हैं –
(क) भामह (ख) विश्वनाथ (ग) आनन्दवर्धन (घ) मम्मट
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भारतीय काव्यशास्त्र – काव्य हेतु (KAVYA HETU)